महात्मा गांधी का जीवन परिचय – Mahatma Gandhi Biography In Hindi
महात्मा गांधी की जीवनी, निबंध, मोहनदास करमचंद गांधी का जीवन परिचय माता, पत्नी, बेटा -बेटी,हत्यारे का नाम, जन्म- मृत्यु, आंदोलनों के नाम की लिस्ट, सुचि (Mahatma Gandhi Biography in hindi (Jivani) jivan Parichay story itihas history In Hindi)
आज हम जिस आजाद भारत में खुलकर जी पा रहे हैं खुलकर साथ ले पा रहे हैं उसके पीछे बहुत बड़े कारण रहे हमारा देश 15 अगस्त 1947 में आजाद हुआ लेकिन उससे पहले भारत देश पर ब्रिटिश राज अंग्रेजों का कब्जा था, जो को भारतवासियों को चैन से जीने देते थे, और ना ही उन्हें अपने हक और अपने अनुसार जी ने देते थे |
लेकिन भारत में समय-समय पर ऐसे क्रांति वीर योद्धा पैदा हुए जिन्होंने भारत को आजाद कराने का सपना देखा और उन सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जान तक वादी आज हम इस ब्लॉग में एक ऐसी ही भारत की बेहतरीन क्रांतिवीर यानी कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के बारे में बात करने वाले है|
महात्मा गांधी ने अपने जीवन की शुरुआत एक सरल और सफल व्यक्ति से की थी लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने भारत देशवासियों और भारत देश को कठिनाई में देखा उन्होंने सत्य और अहिंसा नामक दो हथियारों का सहारा लिया और अपना आंदोलन शुरू कर दिया|
महात्मा गांधी जरूर एक साधारण व्यक्ति की तरह अपना पूरा जीवन जिया लेकिन आज भी लोग उनके किए गए कार्यों की वजह से जुड़े एक बड़े आदरणीय सम्मान की नजरों से देखते हैं|
Mahatma Gandhi Biography
जन्म | 2 अक्टूबर, 1869 |
जन्मस्थान | गुजरात के पोरबंदर में |
मृत्यु | 30 जनवरी, 1948 |
मृत्युस्थान | बिरला हाउस, नई दिल्ली |
समाधिस्थल | नई दिल्ली के राजघाट |
बचपन का नाम | मोहनदास |
पूरा नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
अन्य नाम | बापू, महात्मा जी, गाँधी जी |
पिता | करमचन्द गांधी |
माता | पुतलीबाई |
मातृभाषा | गुजराती |
भाई | लक्ष्मीदास, करसन दास |
बहन | रालियातबेन |
शिक्षा | बैरिस्टर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विवाह | मई 1883 |
पत्नी | कस्तूरबा माखंजी कपाङिया (कस्तूरबा गांधी) |
बच्चे | हरिलाल, रामदास, देवदास, मनिलाल (चार पुत्र) |
निजी सचिव | महादेव देसाई |
राजनीतिक गुरू | गोपाल कृष्ण गोखले |
दक्षिणी अफ्रीका से भारत आगमन | 9 जनवरी, 1915 ई. |
पार्टी | कांग्रेस |
उपाधि | राष्ट्रपिता |
नारा | करो या मरो |
महात्मा गांधी का जन्म (Birth of Mahatma Gandhi)
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था , महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में एक हिंदू मध्यवर्ती परी परिवार में 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था, महात्मा गांधी एक गुजराती परिवार से संबंध रखते थे|
महात्मा गांधी का परिवार (Mahatma Gandhi family)
महात्मा गांधी एक गरीब परिवार से संबंध रखते थे उनका परिवार गुजराती हिंदू परिवार था महात्मा गांधी के पिता जी का नाम करमचंद गांधी था, महात्मा गांधी के पिताजी ब्रिटिश हुकूमत में पोरबंदर और राजकोट के दीवान थे ,
साल 1885 में महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी का भी निधन हो गया। महात्मा गांधी की माता जी का नाम पुतलीबाई था जो एक साधारण संपन्न ग्रहणी थी |
महात्मा गांधी अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. और वह हमेशा सादा सरल संपूर्ण जीवन जीने पर विश्वास करते थे|
महात्मा गांधी का विवाह (Mahatma Gandhi marriage)
महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 साल की उम्र में हो गया था महात्मा गांधी का विवाह 13 साल की उम्र में 14 साल की कस्तूरबा के साथ हो गया था|
जब महात्मा गांधी की उम्र 15 वर्ष थी उनको पहला पुत्र प्राप्त हुआ लेकिन किन्ही कारणों की वजह से उनकी मृत्यु हो गई|
जिसके बाद कुछ सालों 1888 में गांधीजी की एक पुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम हरिलाल था। साल 1888 से लेकर साल 1900 तक गांधीजी के चार संतान हुई, जिनका नाम हरीलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी था।
महात्मा गांधी की शिक्षा (education of mahatma gandhi)
महात्मा गांधी कि शिक्षा की बात करें तो वे शुरू से ही एक अनुशासित बच्चे रहे हैं महात्मा गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के पोरबंदर से प्राप्त की है जहां पर उन्होंने मिडिल स्कूल गवर्नमेंट स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की|
लेकिन कुछ समय बाद उनके पिताजी का ट्रांसफर दिल्ली राजकोट हो गया जिसके कारण वह अपनी आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए राजकोट चले गए इसके बाद साल 1887 में महात्मा गांधी ने राजकोट से हाई स्कूल से मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त की|
इसके बाद महात्मा गांधी ने अपने आगे की कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने के लिए भावनगर के सामलदास कॉलेज प्रवेश प्राप्त कर लिया लेकिन घर से दूर महात्मा गांधी का ध्यान शिक्षा में नहीं लग पा रहा था |
जिसके बाद वह कुछ समय बाद और गुजरात वापस लौट कर आ गए . जिसके बाद महात्मा गांधी अपने आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए 4 सितंबर को इंग्लैंड चले गए महात्मा गांधी ने इंग्लैंड लंदन में जाकर बैरिस्टरी पढ़ाई में प्रवेश किया|
यहां पर महात्मा गांधी 3 साल (1888-1891) रहे यहां पर महात्मा गांधी ने वेजीटेरियन सोसायटी की सदस्यता ग्रहण की और इसके सदस्य बन गये। महात्मा गांधी जी इंग्लैंड लंदन वेजीटेरियन के सम्मेलनों में भाग लेने लगे और पत्रिका में लेख लिखने लगे।
इसके बाद महात्मा गांधी 3 साल लंदन में रहे जहां पर उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई की जिसके बाद महात्मा गांधी सन 1891 में भारत वापस लौट आए|
महात्मा गांधी इंग्लैंड से लौटने के बाद (Mahatma Gandhi after his return from England)
महात्मा गांधी इंग्लैंड से अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी कर कर आ गए , इसके कुछ समय बाद महात्मा गांधी की माता जी का निधन हो गया लेकिन महात्मा गांधी ने अपने करियर को आगे उड़ान देने के लिए वकालत वकील का कार्य शुरू कर दिया|
इसके साथ महात्मा गांधी देश-विदेश के कई मुद्दों में भी भाग लेने लगे लेकिन वकालत में महात्मा गांधी को ज्यादा रुचि नहीं रही, वह कुछ बड़ा करना चाहते थे जिसके कुछ समय बाद उन्होंने अपना ध्यान हटा दिया इसके बाद 1994 में महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका चले गए|
महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा (Mahatma Gandhi visit to South Africa)
साल 1894 में महात्मा गांधी को दादा अब्दुल्ला एण्ड अब्दुल्ला नामक मुस्लिम व्यापारिक संस्था के मुकदमे के कुछ कारणों के कारण साउथ अफ्रीका जाना पड़ा लेकिन वहां पर जाने के बाद महात्मा गांधी के साथ गलत व्यवहार किया गया |
क्योंकि वहां पर महात्मा गांधी के साथ रंग भेदभाव, काले-गोरे का भेदभाव किया गया साथ ही उन्हें गलत व्यवहार के साथ-साथ ट्रेन से नीचे उतारने का मामला भी सामने आया जिसके बाद महात्मा गांधी का सब्र की सीमा टूट गई जिसके बाद उन्होंने रंग भेदभाव के खिलाफ आंदोलन चला दिया |
आपको बता दें कि महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका में जाने वाले पहले भारतीय नागरिक थे इसके बाद महात्मा गांधी साल 1994 में भारतीय प्रवासियों के साथ मिलकर भारतीय कांग्रेस गठन का निर्माण किया, और महात्मा गांधी ने इसी साल इंडियन ओपिनियन अखबार भी जारी कर दिया |
जिसमें वह रंग भेदभाव से जुड़े सभी मुद्दों के बारे में अपने विचार लोगों से पूछा करते थे तथा लिखा करते थे इसके बाद 1906 में दक्षिण अफ्रीका भारतीयों के लिए अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की इस आंदोलन को सत्याग्रह का नाम दिया गया|
महात्मा गांधी के 10 दक्षिण अफ्रीका में किये गए कार्य (10 things done by Mahatma Gandhi in South Africa)
- अफ्रीका में उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी ,भारतीयों के प्रति रंग भेदभाव नस्ल भेदभाव के खिलाफ 1894 में विरोध प्रदर्शन शुरू किया, आंदोलन में लोग उनके साथ मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
- वह भारतीय को इकट्ठा करने के लिए 1896 में थोड़े समय के लिए भारत आए। उन्होंने 900 भारतीयों को इकट्ठा किया, लेकिन एक विडंबनापूर्ण भीड़ द्वारा हमले में घायल हो गए।
- 1899 में बोअर युद्ध के दौरान अंग्रेजों के लिए भारतीय एम्बुलेंस का आयोजन किया। ताकि ब्रिटिश मानवता को समझ सकें लेकिन भारतीयों पर भेदभाव जारी रहे।
- महात्मा गांधी डरबन के पास फीनिक्स फार्म की स्थापना की, जहाँ महात्मा गांधी ने अपने कैडर को शांतिपूर्ण संयम या अहिंसक सत्याग्रह के लिए प्रशिक्षित किया। इस फार्म को सत्याग्रह का जन्मस्थान माना जाता है।
- महात्मा गांधी एक और फार्म को स्थापित किया, जिसे टॉलस्टॉय फार्म कहा जाता थाए जिसे उस स्थान के रूप में माना जाता है, जहाँ सत्याग्रह को विरोध के हथियार के रूप में ढाला गया था।
- महात्मा का पहला अहिंसात्मक सत्याग्रह अभियान sept 1906 में स्थानीय भारतीय के खिलाफ गठित ट्रांसवाल एशियाटिक अध्यादेश के विरोध में आयोजित किया गया था। महात्मा गांधी जून 1907 में काले अधिनियम के खिलाफ सत्याग्रह भी किया।
- महात्मा गांधी 1908 में अहिंसक आंदोलन के आयोजन के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी . लेकिन जनरल स्मट्स के साथ मुलाकात के बाद जो एक ब्रिटिश राष्ट्रमंडल राजनेता थे, महात्मा गांधी को रिहा कर दिया गया।
- महात्मा गांधी 1909 में वोल्क्सहर्स्ट और प्रिटोरिया में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। रिहा होने के बाद, महात्मा गांधी वहां भारतीय समुदाय की सहायता लेने के लिए लंदन गए लेकिन महात्मा गांधी प्रयास व्यर्थ गया।
- महात्मा गांधी ने 1913 में गैर-ईसाई विवाहों के ओवरराइड के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- महात्मा गांधी ट्रांसवाल में एक और सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया था, जिसमें भारतीय नाबालिग पीड़ित थे। महात्मा गांधी ट्रांसवाल सीमा के पार लगभग 2,000 भारतीयों का नेतृत्व किया।
महात्मा गांधी का भारत आगमन और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना (Return to India and Participation in Freedom Struggle)
महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका कुछ केस के मुद्दों की वजह से गए थे लेकिन उन्हें वहां पर जिस प्रकार नस्ल भेदभाव रंग भेदभाव का सामना करना पड़ा भी उस आंदोलन में जुड़ गए जिसके बाद 1916 में महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका में अपने आंदोलन में सफल हुए जिसके बाद वह भारत लौट आए जहां पर महात्मा गांधी का जोरों शोरों से स्वागत किया गया उन लोगों ने उनकी ताकत और संघर्ष, एकता, बहादुरी का लोगों ने सराहना की|
साउथ अफ्रीका से महात्मा गांधी लौट चुके थे लेकिन यहां पर भी भारतीय लोगों के अंग्रेजो के खिलाफ दुख से काफी चिंतित हुए , जिसके बाद महात्मा गांधी स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जुड़ गए|
इसके बाद महात्मा गांधी सन 1920 में कांग्रेस लीडर बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के बाद कांग्रेश के मार्गदर्शक बन गए|
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान (Bhartiya Rashtriya Andolan Mein Mahatma Gandhi Ka Yogdan)
महात्मा गांधी के आंदोलन (Mahatma Gandhi ke Andolan in Hindi)
- गिरमिटिया प्रथा की समाप्ति
- चम्पारण आन्दोलन
- अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन
- खेङा सत्याग्रह
- रॉलेट एक्ट
- खिलाफत आन्दोलन
- असहयोग आन्दोलन
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन
- भारत छोङो आन्दोलन
महात्मा गांधी आंदोलन लिस्ट (सूची) (Mahatma Gandhi Movement List)
महात्मा गांधी ने भारत देश को अंग्रेज मुक्त करने के लिए समय-समय पर कई आंदोलन चलाए जितने भी सफल भी हुए महात्मा गांधी ने अपने संपूर्ण जीवन में कई आंदोलन चलाए जिसमें से पांच आंदोलन मुख्य थे जिनमें से तीन आंदोलन संपूर्ण राष्ट्र को चलाए गए और बहुत सफल भी हुई|
सन 1918 में : (चंपारन और खेड़ा सत्याग्रह) | In 1918: (Champaran and Kheda Satyagraha)
साल 1918 में महात्मा गांधी के द्वारा ‘चंपारन और खेड़ा सत्याग्रह’ आंदोलन की शुरुआत की गई इस आंदोलन को चलाने का मुख्य उद्देश्य यह था, किस आंदोलन में भारतीय किसानों को नील की खेती के लिए डाले जा रहे दबाव, और निश्चित मात्रा में बेचने और कर देने के ऊपर था महात्मा गांधी ने यह आंदोलन सत्याग्रह ब्रिटिश लैंडलॉर्ड के खिलाफ शुरू किया था.
महात्मा गांधी देवी आंदोलन 1918 में खेड़ा नामक एक गाँव, जो गुजरात प्रान्त से शुरू किया था इस आंदोलन में भारतीय किसानों के कुछ मुद्दों पर महात्मा गांधी ने कार्य किया था. महात्मा गांधी ने इसके खिलाफ अहिंसात्मक आंदोलन शुरू किया जिसमें सभी भारतीयों का महात्मा गांधी को साथ भी मिला |
इस आंदोलन में महात्मा गांधी को सफलता प्राप्त हुई| साल 1917 में बाढ़ के कारण गुजरात के सभी किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ जिसके कारण पर नील की खेती में अंग्रेजों को उनका कर नहीं दे पाए, जिसके कारणगांधी उन पर अत्याचार किए गए|
जिसके बाद सभी किसानों ने महात्मा गांधी का सहारा लिया और महात्मा गांधी ने उनकी बातें भी सुनी जिसमें किसान भाइयों की गहराई थी कि वह नील की खेती नहीं करना चाहते क्योंकि नील की खेती करने के बाद उस खेत में दूसरी फसल नहीं उगाई जा सकती |
वही नील की खेती के बाद किसान भाइयों को नील को एक निश्चित मात्रा में ही बेचना होता था यह निश्चित मात्रा अंग्रेजी सुनिश्चित करते थे. इसके अलावा नील की खेती में किसानों को कई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता था और नील की खेती में काफी मेहनत करनी पड़ती थी साथ ही बचत भी कम होती थी|
सन 1919 में : खिलाफत आंदोलन |In 1919: Khilafat Movement
महात्मा गांधी ने खिलाफत आंदोलन की शुरुआत 1919 में की थी जबकि यह आंदोलन 1924 तक चला था इस आंदोलन का सीधे तौर पर भारत से कोई भी संबंध नहीं था इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य तुर्की खलीफा के पद को पुनर्स्थापित करना था तथा वहां के धर्म क्षेत्रों से प्रतिबंध को हटाना था|
साल 1919 में महात्मा गांधी को यह एहसास हो गया कि कांग्रेस पार्टी कहीं ना कहीं कमजोर पड़ रही है . इसका मुख्य कारण था कि धर्म के मुद्दों को लेकर देश में लगातार वाद विवाद हो रहे थे वहीं कई देशों में धर्म को लेकर प्रतिबंध भी लगाए जा रहे थे.
इन सभी को दूर करने के लिए महात्मा गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान किया जहां पर महात्मा गांधी मुख्य व्यक्ति के रूप में कार्य कर रहे थे, इस आंदोलन से महात्मा गांधी और कांग्रेस पार्टी को काफी सहयोग मिला साथ ही इस आंदोलन से मुस्लिम व्यक्तियों को भी काफी सहयोग मिला|
जिसकी वजह से महात्मा गांधी की कांग्रेस पार्टी में एक प्रमुख जगह बन गई और वे बतौर लीडर उभर कर आए. इसके कुछ समय बाद आंदोलन धीरे-धीरे बंद होने लगा, जिसके लिए महात्मा गांधी आजीवन ‘हिन्दू मुस्लिम एकता’ के लिए खड़े रहे लेकिन धीरे-धीरे कुछ ना कुछ मुद्दों की वजह से महात्मा गांधी व मुस्लिमों के बीच में दूरियां बढ़ती गई|
खिलाफत आंदोलन समय सारणी
दिनांक | घटना |
---|---|
1919 | अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का गठन किया गया । |
17 अक्टूबर 1919 | अखिल भारतीय खिलाफत दिवस मनाया गया । |
24 नवंबर 1919 | महात्मा गाँधी ने दिल्ली में खिलाफत कमेटी के पहले सम्मेलन की अध्यक्षता की । |
फरवरी 1920 | खिलाफत समिति का एक दल तत्कालीन वायसराय लार्ड चेमस्फोर्ड से मिलने गया । |
मई 1920 | सेब्रिज़ की संधि से तुर्की का विभाजन कर दिया गया । |
जून 1920 | खिलाफत समिति का इलाहबाद अधिवेशन ।
यही पर सरकारी स्कूल और न्यायालय का बहिष्कार शुरू किया गया । इसी अधिवेशन के बाद से इस आंदोलन का नेतृत्व पूर्णत्या माहात्मा गाँधी द्वारा किया गया । |
1 अगस्त 1920 | बाल गंगाधर तिलक जी की मृत्यु । |
31 अगस्त 1920 | गाँधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरूआत । |
वर्ष 1924 | मुस्तफा कमाल पाशा की सरकार ने तुर्की में
खलीफा के पद को पूरी तरह समाप्त कर दिया । |
सन 1920 में : असहयोग आंदोलन (Non Co-operation Movement)
साल 1919 में ब्रिटिश सरकार अंग्रेजो के द्वारा रोलेट एक्ट [Rowlett Act] को लागू किया. इन सभी से छुटकारा पाने के लिए महात्मा गांधी व अन्य नेताओं के द्वारा देश में विभिन्न जगह पर सभाओं का आयोजन किया गया जिसमें इस एक्ट को हटाने के लिए धरने दिए गए |
उन्हीं में से एक धरना पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में रखा गया था लेकिन उसी दौरान जनरल डायर के द्वारा भारतीय लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें लगभग 1000 से भी ज्यादा लोग मारे गए वही 2 हजार से भी ज्यादा लोग घायल हो गए थे|
इन सभी प्रकार की घटनाओं को देखकर महात्मा गांधी का खून खोला है जिसके बाद महात्मा गांधी ने ऐसे योग्य आंदोलन की शुरुआत की महात्मा गांधी ने यह आंदोलन 1 अगस्त 1920 को शुरू कर दिया इस आंदोलन के तहत महात्मा गांधी अंग्रेजो के खिलाफ अन्यायपूर्ण कानूनों और कार्यों के विरोध में देशव्यापी अहिंसक आंदोलन था।
इस आंदोलन के तहत निम्न प्रकार की शर्तें
इस आंदोलन के तहत जो अंग्रेज अधिकारी बड़े पदों पर बैठे थे उनको पद त्यागने के लिए प्रोत्साहित किया गया
साथ ही भारत में निर्माण की जा रही वस्तु को बढ़ावा देना तथा ब्रिटिश उत्पाद और ब्रिटिश से आ रही वस्तु को बहिष्कार करने से संबंधित था
वही ब्रिटिश कानूनों के खिलाफ बहिष्कार की जंग भारतीयों को विधान परिषद के चुनावों में भाग लेने से मना करने के लिए कहा गया था।
ब्रिटिश शिक्षा संस्थानों को प्रतिबंधित और वापस लेना
असहयोग आंदोलन से जुड़े व्यक्तित्व
- बसंती देबी
- जितेन्द्रलाल बनर्जी
- सुभाष चंद्र बोस
- मौलाना मोहम्मद अली
- मौलाना शौकत अली
- मोतीलाल नेहरू
- लाला लाजपत राय
- राजेन्द्र प्रसाद
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- एमएन रॉय
चौरा – चौरी कांड (Chaura Chauri incident )
साल 1920 में ऐसी उद्यान जल पूर्ण रूप से शांतिपूर्वक चल रहा था और लोग विशेष शांतिपूर्वक रेलिया निकाल रहे थे. उसी दौरान एक रैली उत्तर प्रदेश के चोरा चोरी नामक स्थान से निकाली जा रही थी |
वर्तमान में चोरा चोरी नामक 2 गांव उत्तर प्रदेश में स्थित है ,उसी दौरान उसी स्थान पर रैली निकाल रहे लोगों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की साथ ही वहां पर गोलीबारी भी की इसी गोलीबारी के दौरान रैली निकाल रहे स्वतंत्र सेनानियों की मौत हो गई|
जिसके बारे में गुस्साए लोगों ने चोरा चोरी पुलिस स्टेशन में आग लगा दी जिसके कारण वहां स्थित 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई |
जिसके बाद महात्मा गांधी ने कहा कि “हमें संपूर्ण आंदोलन के दौरान किसी भी हिंसात्मक गतिविधि को नहीं करना था, शायद हम अभी आज़ादी पाने के लायक नहीं हुए हैं” जिसके बाद महात्मा गांधी ने यह आंदोलन वापस ले लिया
सन 1930 में : सविनय अवज्ञा आंदोलन / नमक सत्याग्रह आंदोलन / दांडी यात्रा [Civil Disobedience Movement / Salt Satyagrah Movement / Dandi March )
महात्मा गांधी के द्वारा सन् 1930 में अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन चलाए गए इसमें से एक आंदोलन था जिसका नाम सविनय अवज्ञा आंदोलन इस आंदोलन का मुख्य कार्य है यह था कि इस आंदोलन के तहत ब्रिटिश गवर्नमेंट के द्वारा बनाए गए कानूनों को ना मानना तथा उनकी पालना ना करना था |
साथ ही अगर ब्रिटिश सरकार कोई भी आंदोलन बनाती है. तो उसे तोड़ना साथ ही ब्रिटिश गवर्नमेंट के लिए कोई भी नमक नहीं बनाएगा.
इस आंदोलन को तोड़ने के लिए महात्मा गांधी ने 12 मार्च, सन 1930 दांडी यात्रा की शुरुआत की जिसमें महात्मा गांधी दांडी नामक स्थान पर पहुंचे जहां पर उन्होंने नमक बनाएं |
आंदोलन भारत के सभी नेताओं के द्वारा शांतिपूर्वक तरीके से किया गया था लेकिन इसके तहत कई नेताओं को ब्रिटिश सरकार के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया|
सन 1942 में : भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement )
महात्मा गांधी ने भारत के एक से बढ़कर एक कई स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लिया और उनके सभी आंदोलन सफल भी हुए जिसके बाद महात्मा गांधी ने अपना तीसरा सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन 1942 में शुरू किया इस आंदोलन को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों को भारत से भगाना भगाने का था |
इस आंदोलन का नाम भारत छोड़ो आंदोलन था. 1942 तक आते-आते लोग सभी समझदार हो गए थे सभी लोग बच्चे बूढ़े सभी लोग चाहते थे कि अंग्रेज भारत को छोड़कर चले जाए और उन्हें स्वतंत्रता की जिंदगी जीने का अधिकार प्राप्त है |
जिसके बाद यह आंदोलन धीरे-धीरे आ गया लेकिन कुछ समय बाद ही आंदोलन असफल हो गया इस आंदोलन के सफल होने के मुख्य कारण यह थी कि इस आंदोलन की बड़ी लहर देश में थी|
जिसकी वजह से देश में अलग-अलग तिथियों पर अलग-अलग जगह पर आंदोलन किए जा रहे थे एक साथ आंदोलन नहीं हो पा रहे थे |
साथ ही यह आंदोलन तेजी से ऊपर आया कि सभी लोगों को लगा कि आजादी अब तो मिल ही जाएगी जिसके कारण लोगों ने इसमें रुचि लेना छोड़ दिया तथा पूरी तरह मुक्त हो गई किसके कारण आंदोलन असफल साबित हो गया |
लेकिन इस आंदोलन का फायदा हुआ कि इस आंदोलन को पता था कि उन्हें एक को छोड़ना ही होगा क्योंकि भारत के लोग उनके द्वारा किए जा रहे अहिंसा को नहीं सह पाएंगे|
महात्मा गांधी जी द्धारा लिखी गईं किताबें – Mahatma Gandhi Books
महात्मा गांधी एक अच्छे राष्ट्रभक्त, अच्छे समाजसेवी के अलावा एक अच्छे लेखक भी थे उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में कई किताबें लिखी जिनसे बेखुद प्रेरित थे तथा उन्होंने अपने जीवन में उन किताबों को अनुभव किया था|
महात्मा गांधी ने अपने जीवन में जो जो अनुभव किया वह लोगों को बताने के लिए उन्होंने किताबें लिखी और भी किताबें आज बहुत बड़ी मात्रा में प्रस्तुत हैं और लोग उन्हें पढ़ना काफी पसंद भी करते हैं|
- हिन्द स्वराज (1908)
- दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह
- द वर्ड्स ऑफ गांधी
- गीता माता
- इंडियन होमरुल
- माइ अर्ली लाइफ
- पंचायतीराज
- संपूर्ण गांधी वाङ्गय
- शांति और युद्ध में अहिंसा
- नैतिक धर्म
- सत्याग्रह
- सत्य ही ईश्वर है
- सर्वोदय
- साम्प्रदायिक एकता
- अस्पृश्यता निवारण
- मेरे सपनों का भारत
- ग्राम स्वराज
- स्वास्थ्य की कुंजी।
Bhagat Singh Biography in Hindi | भगत सिंह का जीवन परिचय
महात्मा गांधी की मृत्यु, आयु हत्यारे का नाम (Age and Death of Mahatma Gandhi)
महात्मा गांधी ने भारत देश को आजाद कराने में अपनी संपूर्ण भूमिका और अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया भारत देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी लेकिन आजादी का अभी 1 साल भी नहीं हुआ था कि 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी संज्ञा की पूजा कर रहे थे |
उसी दौरान नाथू गोडसे ने उन्हें 3 गोलियां मार दी उसी समय महात्मा गांधी नीचे गिर गए नीचे गिरते ही महात्मा गांधी के मुंह से हे राम निकला इसके बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दी इसके बाद महात्मा गांधी को दिल्ली के राजघाट पर दफनाया गया जहां पर उनकी समाधि बनाई थी|
महात्मा गांधी की मृत्यु के समय उनकी उम्र 79 वर्ष थी. महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन काल में लोगों को काफी प्रेरित किया और भारत को आजाद करने में अपनी पूरा जीवन न्योछावर कर दिया और अपनी संपूर्ण भूमिका निभाई जिसके कारण लोगों ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के नाम से याद करते हैं|
महात्मा गांधी की उपाधियाँ (Mahatma Gandhi titles)
’केसर-ए-हिन्द’ | अंग्रेजों ने |
’मलंग बाबा’ | खुदाई खिदमतगार ने |
’महात्मा’ | रवीन्द्रनाथ टैगोर ने |
’राष्ट्रपिता’ | सुभाषचन्द्र बोस ने |
’देशद्रोही फकीर’ | विंस्टन चर्चिल ने |
’अर्द्धनग्न फकीर’ | विंस्टल चर्चिल ने |
’बापू’ | जवाहरलाल नेहरू ने |
’जादूगर’ | शेख मुजीब उर रहमान ने |
’वन-मैन बाउंड्री फोर्स’ | लार्ड माउंटबेटन ने |
सदी का पुरुष | अलबर्ट आइंस्टीन ने |
महात्मा गांधी के समाचार पत्र (Mahatma Gandhi Ke Samachar Patra)
यंग इंडिया – 1919 (अंग्रेजी) |
नवजीवन – 1 नवंबर 1947 (गुजराती भाषा, बाद में हिन्दी में) |
हरिजन – 1933 (हिन्दी और अंग्रेजी) |
इण्डियन ओपिनियन – 1904 (दक्षिण अफ्रीका) |
गांधी जी के पुरस्कार (Gandhi ji Ke Award)
- टाईम मैगजीन ने – वर्ष 1930 में ’मैन ऑफ द ईयर’ चुना।
- 2011 में टाईम मैगजीन ने इन्हें विश्व के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे 25 राजनीतिक व्यक्तियों में से एक चुना।
- नोबल पुरस्कार नहीं मिला परन्तु 1937 से लेकर 1948 तक पाँच बार इन्हें ’नोबल पुरस्कार’ के लिए नामित किया गया।
- 2 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है।
- 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।
- 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है।
- महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को ‘’भर्ती करने वाले सार्जेण्ट’’ कहा जाता है।
महात्मा गांधी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (Mahatma Gandhi Questions in Hindi)
1. महात्मा गांधी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर – 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में
2. महात्मा गांधी के पिता का नाम क्या था ?
उत्तर – करमचंद गांधी
3. करमचंद गांधी कहां ही रियासत के दीवान थे ?
उत्तर – राजकोट (पोरबंदर)
4. महात्मा गांधी की माता का नाम क्या था ?
उत्तर – पुतलीबाई
5. महात्मा गांधी के जीवन पर किसका बहुत गहरा प्रभाव पङा ?
उत्तर – माता पुतलीबाई
6. गांधीजी के बचपन का नाम क्या था ?
उत्तर – मोहनदास
7. महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या था ?
उत्तर – मोहनदास करमचंद गांधी
8. गांधीजी का जब विवाह हुआ तो, उस समय उनकी उम्र क्या थी ?
उत्तर – 13 वर्ष
9. गांधी जी की पत्नी का क्या नाम था ?
उत्तर – कस्तूरबा गांधी
10. महात्मा गांधी बैरिस्टर (वकालत) की पढ़ाई करने के लिए लंदन कब गए थे ?
उत्तर – 4 सितम्बर 1888 ई.
11. महात्मा गांधी को किन नामों से जाना जाता है ?
उत्तर – बापू, महात्मा जी, गाँधी जी
12. गांधीजी को ’महात्मा’ की उपाधि किसने दी ?
उत्तर – रवीन्द्रनाथ टैगोर
13. महात्मा गांधी को सबसे पहले ’राष्ट्रपिता’ किसने बुलाया था ?
उत्तर – सुभाष चंद्र बोस
14. महात्मा गांधी को ’अर्द्धनग्न फकीर’ किसने कहा था ?
उत्तर – विंस्टन चर्चिल
15. गांधी जी को क्या माना जाता है ?
उत्तर – दार्शनिक अराजकतावादी
16. गांधी जी के जन्मदिवस को किस दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर – अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
17. महात्मा गांधी के कितने बेटेे थे ?
उत्तर – चार बेटे – हरीलाल गांधी (1888 ई.), मणिलाल गांधी (1892 ई.) , रामदास गांधी (1897 ई.) व देवदास गांधी (1900 ई.)।
18. महात्मा गांधी किसकी कृतियों से अत्यधिक प्रभावित थे ?
उत्तर – लियो टाॅलस्टाॅय
19. गांधी ने टाॅलस्टाॅय फार्म दक्षिण अफ्रीका में कब शुरू किया था ?
उत्तर – 1910 में
20. टाइम मैगजीन ने किस वर्ष में महात्मा गांधी को ’मैन ऑफ द ईयर’ घोषित किया था ?
उत्तर – 1930
21. महात्मा गांधी ने किस आश्रम की स्थापना की ?
उत्तर – मई, 1915 में साबरमती आश्रम
22. साबरमती आश्रम कहाँ पर स्थित है ?
उत्तर – अहमदाबाद (गुजरात)
23. महात्मा गांधी को किसकी कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण अफ्रीका जाना पङा था?
उत्तर – दादा अब्दुल्ला
24. गांधीजी दक्षिण अफ्रीका कब गए ?
उत्तर – 1893
25. महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम सत्याग्रह का प्रयोग कब और कहाँ किया?
उत्तर – सितम्बर 1906 में दक्षिण अफ्रीका में
26. नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना गांधीजी ने कहां की थी ?
उत्तर – दक्षिण अफ्रीका में
27. नटाल भारतीय कांग्रेस की स्थापना गांधीजी ने कब की थी ?
उत्तर – 22 मई 1894
28. गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे ?
उत्तर – 9 जनवरी 1915
29. प्रवासी भारतीय दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर – 9 जनवरी को
30. 1915 में गांधी जी को ब्रिटिश सरकार ने किस उपाधि से सम्मानित किया था ?
उत्तर – केसर-ए-हिन्द
31. किस आंदोलन के साथ महात्मा गांधी ने भारतीय राजनीति में पदार्पण किया था ?
उत्तर – चंपारण आंदोलन
32. भारत में गांधीजी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग कहां किया ?
उत्तर – चम्पारण आन्दोलन
33. चंपारण सत्याग्रह कब शुरू किया गया था ?
उत्तर – 1917 में बिहार के चंपारण जिले में
34. बिहार के किस नेता ने गांधीजी के साथ किसान आंदोलन का नेतृत्व किया ?
उत्तर – राजेन्द्र प्रसाद
35. चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी के साथ कौन शामिल थे ?
उत्तर – राजेंद्र प्रसाद, मजहरूल हक, जे.बी. कृपलानी, महादेव देसाई, अनुग्रह नारायण सिंह एवं श्रीकृष्ण सिंह।
36. गांधीजी के नाम के साथ महात्मा कब जोङा गया था ?
उत्तर – चंपारण सत्याग्रह के दौरान
37. भारत में गांधी जी का तीसरा सत्याग्रह कौनसा था ?
उत्तर – खेङा सत्याग्रह
38. खेङा सत्याग्रह कब हुआ था ?
उत्तर – 1918
39. महात्मा गांधी ने दांडी मार्च नमक यात्रा कब और कहाँ से शुरू की ?
उत्तर – 12 मार्च, 1930 को अहमदाबाद से
40. महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी तक की यात्रा को कितने दिनों में तय किया था ?
उत्तर – 24 दिन
41. गांधीजी ने नमक कानून कब तोङा ?
उत्तर – 6 अप्रैल, 1930
42. दांडी यात्रा में गांधीजी ने कितनी दूरी तय करके नमक कानून का विरोध किया था ?
उत्तर – 240 मील (लगभग 400 किलोमीटर)
43. नमक कानून तोङने के लिए गांधी के द्वारा कौन-सा आंदोलन चलाया गया था ?
उत्तर – सविनय अवज्ञा आन्दोलन
44. गांधीजी के साथ नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया ?
उत्तर – सरोजिनी नायडू
45. सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू किया गया था ?
उत्तर – 1930
46. महात्मा गांधी ने वर्ष 1906 में किस विद्रोह के दरमियान भारतीय एंबुलेंस सेवा शुरू की थी ?
उत्तर – जुलू विद्रोह
47. महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरु कौन थे ?
उत्तर – गोपाल कृष्ण गोखले
48. महात्मा गांधी के द्वारा शुरू की गई साप्ताहिक पत्रिकाएँ कौनसी है ?
उत्तर – यंग इंडिया, इंडियन ओपिनियन, नवजीवन
49. गांधीजी ने यंग इंडिया और नवजीवन समाचार पत्र की शुरुआत कब की थी ?
उत्तर – यंग इण्डिया – 1919, नवजीवन – 1 नवंबर 1947
50. महात्मा गांधी की आत्मकथा का क्या नाम है ?
उत्तर – सत्य के साथ मेरे प्रयोग
51. गांधी जी ने अपनी आत्मकथा किस भाषा में लिखी ?
उत्तर – गुजराती भाषा में
52. गांधी जी की आत्मकथा प्रथम बार कब प्रकाशित हुई ?
उत्तर – 1927
53. गांधी जी की आत्मकथा का अंग्रेजी में अनुवाद किसने किया था ?
उत्तर – महादेव देसाई
54. महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका के किस रेलवे स्टेशन से बाहर कर दिया गया ?
उत्तर – पिटरमार्टिजबर्ग रेलवे स्टेशन से
55. गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में कितने वर्ष रहें ?
उत्तर – 21 वर्ष
56. दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम क्या था ?
उत्तर – इंडियन ओपिनियन (1904)
57. ’सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ पुस्तक किसने लिखी थी ?
उत्तर – महात्मा गांधी
58. गांधीजी ने ’हिन्द स्वराज’ का प्रकाशन कब किया ?
उत्तर – 1908
59. कौनसा आंदोलन मुस्लिमों द्वारा तुर्की के खलीफा पद की दोबारा स्थापना करने के लिए चलाया गया था ?
उत्तर – खिलाफत आंदोलन (1919-1924)
60. गांधी जी ने किस कानून को काला कानून कहा था ?
उत्तर – रॉलेट एक्ट
61. रॉलेट एक्ट कब पास हुआ था जिसमें भारतीयों के आम अधिकार छीने गए थे ?
उत्तर – 18 मार्च, 1919
62. महात्मा गांधी किस गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए थे ?
उत्तर – द्वितीय गोलमेज सम्मेलन 1931
63. महात्मा गांधी का प्रसिद्ध नारा किया था ?
उत्तर – करो या मरो
64. ’द वर्ड्स ऑफ गांधी’ पुस्तक के लेखक कौन है ?
उत्तर – महात्मा गांधी
65. महात्मा गांधी ने किस साल अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की ?
उत्तर – सितम्बर, 1932
66. महात्मा गांधी ने हरिजन समाचार-पत्र का प्रकाशन कब किया था ?
उत्तर – 1933 में
67. गांधी-इरविन समझौता कब हुआ ?
उत्तर – 5 मार्च 1931
68. गांधी-इरविन समझौता किसके सम्बन्ध में हुआ ?
उत्तर – सविनय अवज्ञा आन्दोलन
69. गांधीजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कितनी बार बने ?
उत्तर – एक बार
70. किस एकमात्र कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता गांधी जी ने की थी ?
उत्तर – बेलगाँव अधिवेशन (1924)़
71. फीनिक्स फार्म की स्थापना किसने की ?
उत्तर – महात्मा गांधी ने
72. असहयोग आन्दोलन की शुरूआत किसने और कब की ?
उत्तर – महात्मा गांधी ने, 1 अगस्त 1920 ई.
73. असहयोग आंदोलन को क्यों बीच में बंद करना पङा ?
उत्तर – चौरी-चौरी में हुई हिंसक घटना के कारण
74. चौरी-चौरी काण्ड कब हुआ था ?
उत्तर – 5 फरवरी 1922 ई.
75. महात्मा गांधी ने अपनी ’केसर-ए-हिन्द’ की उपाधि कब वापस लौटा दी थी ?
उत्तर – असहयोग आन्दोलन के दौरान महात्मा गांधी ने अंग्रेजों द्वारा दी गई ’केसर-ए-हिन्द’ की उपाधि वापस लौटा दी थी।
76. महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को कब समाप्त कर दिया था ?
उत्तर – 12 फरवरी, 1922
77. 1942 में भारत छोङो आंदोलन आरंभ करने के बाद कौन-सा मुख्य कारण था ?
उत्तर – क्रिप्स मिशन की विफलता
78. ’भारत छोङो आंदोलन’ का नारा किसने दिया था ?
उत्तर – महात्मा गांधी
79. भारत छोङो आन्दोलन के समय इंग्लैण्ड का प्रधानमंत्री कौन था ?
उत्तर – विंस्टन चर्चिल
80. भारत छोङो आंदोलन कब प्रारंभ हुआ ?
उत्तर – 9 अगस्त 1942
81. भारत छोङो आन्दोलन कहाँ शुरू किया गया ?
उत्तर – बारदोली
82. महात्मा गांधी ने किस आंदोलन में करो या मरो का नारा दिया था ?
उत्तर – भारत छोङो आन्दोलन के दौरान
83. भारत छोङो आंदोलन के दौरान ’समांतर सरकार’ का गठन कहाँ किया गया था?
उत्तर – बलिया
84. भारत छोङो प्रस्ताव पारित होने के बाद गांधी जी को कैद करके कहाँ रखा गया
उत्तर – आगा खां पैलेस
85. गांधीजी का सत्याग्रह किन सिद्धांतों पर आधारित था ?
उत्तर – सत्य और अहिंसा पर
86. गांधीजी को कितनी बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया गया ?
उत्तर – 5 बार (1937-1948)
87. महात्मा गांधी की हत्या किसने की ?
उत्तर – नाथूराम गोडसे ने
88. महात्मा गांधी की मृत्यु कब व कहाँ हुई ?
उत्तर – 30 जनवरी 1948 नई दिल्ली के ’बिरला हाउस’ में
89. महात्मा गांधी ने मरते समय किस शब्द का प्रयोग किया था ?
उत्तर – हे राम!
90. महात्मा गांधी की समाधि कहाँ पर है ?
उत्तर – नई दिल्ली के राजघाट
91. शहीद दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर – 30 जनवरी (महात्मा गांधी के मृत्युदिवस पर)
92. यह कथन किसने कहा ’ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो, ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो’?
उत्तर – महात्मा गांधी
93. महात्मा गांधी को मलंग बाबा की उपाधि किसने दी थी ?
उत्तर – खुदाई खिदमतगार ने
94. महात्मा गांधी को ’बापू’ किसने कहा था ?
उत्तर – जवाहरलाल नेहरू
95. महात्मा गांधी को ’जादूगर’ की उपाधि किसने दी थी ?
उत्तर – शेख मुजीब उर रहमान
96. महात्मा गांधी को ’वन-मैन बाउंड्री फोर्स’ किसने कहा था ?
उत्तर – लार्ड माउंटबेटन
97. ’’भर्ती करने वाले सार्जेण्ट’’ किन्हें कहा गया है ?
उत्तर – महात्मा गांधी को
98. ’साम्प्रदायिक पंचाट’ की घोषणा कब और किसने की ?
उत्तर – ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने 16 अगस्त, 1932 को
99. ’पूना समझौता’ कब और किनके बीच हुआ ?
उत्तर – 26 सितम्बर, 1932 को गांधी जी और दलित नेता अम्बेडकर के बीच ’पूना समझौता’ हुआ।
100. ’’मैं बालू से भी कांग्रेस से बङा आंदोलन खङा कर सकता हूँ।’’ यह कथन महात्मा गांधी ने किस आंदोलन के दौरान दिया था?
उत्तर – भारत छोङो आन्दोलन