डायबिटीज क्या है? और इसके लक्षण, कारण, इलाज क्या है | Diabetes in Hindi

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डायबिटीज क्या है? और इसके लक्षण, कारण, इलाज क्या है | Diabetes in Hindi

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मधुमेह जिसे हम डायबिटीज और ब्लड शुगर के नाम से भी जानते हैं, डायबिटी सामने से ब्लड के अंदर अनियमित गुरुकुल की मात्रा के कारण होता है, ब्लड शुगर होता है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आसानी से आ जाता है, साथ ही है खराब जीवनशैली की वजह से भी हो सकता है|

डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है जो कई बीमारियों का होता है, हल्की डायबिटीज की बीमारी का इलाज संभव है लेकिन इसके लिए आपको लगातार इलाज लेना होता है|

आज किस ब्लॉक में हम आपको डायबिटीज से जुड़ी सभी जानकारियां देने वाले हैं जिसमें आपको डायबिटीज के कारण, लक्षण, उपचार घरेलू उपचार ,नुकसान, और भी कई चीजों के बारे में बताने वाले हैं|

डायबिटीज क्या है? (What is Diabetes?)

मधुमेह एक मेटाबोलिज्म डीसी होटल रोग है जितने लंबे समय तक लगातार ब्लड के अंदर ब्लड शुगर का स्तर ऊंचा हो जाता है | सामान्य तो जब हम भोजन करते हैं तो हमें उस भोजन से गुलकोज प्राप्त होता है.

और यह गुरुकुल की मात्रा कोशिकाओं के द्वारा अवशोषित की जाती है ताकि ऊर्जा प्राप्त कर सके , लेकिन रस के अंदर इंसुलिन की मात्रा में वृद्धि के कारण कोशिकाएं सही तरीके से कार्य नहीं कर पाती जिसकी वजह से रक्त कोशिकाएं गुलकोज को अवशोषण नहीं कर पाती, जिसकी वजह से गुलपोश की मात्रा बढ़ जाती है, और यही डायबिटीज का रूप ले लेती है|
इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा के स्तर और शरीर की कोशिकाओं में उनके अवशोषण को नियंत्रित करता है। अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन करती हैं।

Random Blood Sugar Test

Result* A1C Test Fasting Blood Sugar Test Glucose Tolerance Test Random Blood Sugar Test
Diabetes 6.5% or above 126 mg/dL or above 200 mg/dL or above 200 mg/dL or above
Prediabetes 5.7 – 6.4% 100 – 125 mg/dL 140 – 199 mg/dL  N/A
Normal Below 5.7% 99 mg/dL or below 140 mg/dL or below  N/A

Normal Sugar Level In Children & Teens Who Are Diabetic

Age Normal Blood Sugar Levels After Fasting (FBS) Sugar Levels Before Meal (Food) Normal Sugar Levels After 1 to 2 Hours of Eating Food Sugar Levels at Bedtime
6 years old >80 to 180 mg/dL 100 to 180 mg/dL 180 mg/dL 110 to 200 mg/dL
6 to 12 years >80 to 180 mg/dL 90 to 180 mg/dL Up to 140 mg/dL 100 to 180 mg/dL
13 to 19 years >70 to 150 mg/dL 90 to 130 mg/dL Up to 140 mg/dL 90 to 150 mg/dL

उम्र के अनुसार जानिए शुगर की नार्मल रेंज क्‍या है (Know what is the normal range of sugar according to age)

  • 6-12 साल (डिनर) के बाद ये 100 से 180 mg/dl तक
  • 6-12 साल(लंच के बाद) 140 mg/dL तक
  • 6-12 साल ( फास्टिंग) – ब्लड शुगर 80 से 180 mg/dl
  • 13-19 साल ( फास्टिंग शुगर लेवल ) 70 से 150 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 13-19 साल (लंच के बाद ) 140 mg/dL तक नार्मल माना जाता है.
  • 13-19 साल (डिनर के बाद ) 90 से 150 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 20-26 साल ( फास्टिंग) 100 से 180 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 20-26 साल (लंच के बाद) 180 mg/dL तक नार्मल माना जाता है.
  • 20-26 साल (डिनर के बाद) 100 से 140 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 27 से 32 की उम्र में फास्टिंग का रेंज 100 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 27 से 32 की उम्र में लंच के बाद 90-110 mg/dL तक नार्मल माना जाता है.
  • 27 से 32 की उम्र में डिनर के बाद 100 से 140 mg/dl तक नार्मल होता है.
  • 33 से 40 साल की उम्र में फास्टिंग रेंज 140 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 33 से 40 साल की उम्र में लंच के बाद 160 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 33 से 40 साल की उम्र में डिनर के बाद 90 से 150 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 50-60 की उम्र में फास्टिंग 90 से 130 mg/dL तक नार्मल माना जाता है.
  • 50-60 की उम्र में लंच के बाद 140 mg/dl तक नार्मल माना जाता है.
  • 50-60 की उम्र में जबकि डिनर के बाद 150 mg/dl तक नार्मन रेंज होता है.

डायबिटीज के प्रकार और इसके कारण | Types & Causes of Diabetes in Hindi

डायबिटीज मेलेटस के प्रकार और इसके कारण हैं (The types and causes of diabetes mellitus are:)

  • टाइप 1 डायबिटीज (Type- 1 diabetes)
  • टाइप 2 डायबिटीज (Type- 1 diabetes)
  • गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes)
  • MODY (मैच्योरिटी -ऑनसेट डायबिटीज ऑफ़ दा यंग)

टाइप 1 डायबिटीज (Type- 1 diabetes)

टाइप वन डायबिटीज अगर बात करें तो यह डायबिटीज हमें अधिकतर बच्चों में देखने को मिलता है टाइप वन डायबिटीज में अचानक शरीर के अंदर इंसुलिन की मात्रा की कमी हो जाती है |

यह इंसुलिन की मात्रा की कमी अग्नाशय से जुड़ी बीमारियों की वजह से और अग्नाशय के द्वारा प्रयुक्त मात्रा में इंसुलिन बनाने के कारण होती है |

इस प्रकार की डायबिटीज में हमारी इम्यूनिटी सिस्टम अग्नाशय की Beta cells पर लगातार आक्रमण करता है, जिससे इंसुलिन निर्माण का कार्य इफेक्ट होता है जिसके कारण गुलकोज का पाचन नहीं हो पाता, और इससे गुलकोज की मात्रा में वृद्धि हो जाती है|

टाइप 1 डायबिटीज (Type- 1 diabetes) कारण (Type- 1 diabetes causes)

वैज्ञानिकों के द्वारा एक रिसर्च में पता लगाया गया है कि HLA-DQA1, HLA-DQB1, HLA-DRB1 जीन (genes) से ऑटो इम्यून सिस्टम के अंदर कुछ समस्याएं आती है जिसकी वजह से वह अग्नाशय की इंसुलिन निर्माण करने वाली बीटा कोशिकाओं पर हमला करने लग जाता है|

जिसकी वजह से अग्नाशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन का निर्माण करने में असमर्थ होती है जिसकी वजह से वह इंसुलिन निर्माण नहीं कर पाती, जिससे ग्लूकोज की मात्रा में वृद्धि होती रहती है|

टाइप 2 डायबिटीज (Type- 1 diabetes) (Type- 1 diabetes)

डायबिटीज 2 की अवस्था में हमारा शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है जिसके कारण हमारे शरीर के अंदर इंसुलिन को सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाती है जिसके परिणाम स्वरूप रक्त के अंदर शर्करा की मात्रा में वृद्धि हो जाती है |

वही अग्नाशय की बीटा कोशिकाओं के द्वारा अधिक इंसुलिन का निर्माण होता रहता है ,जिसके कारण वह एक समय में कमजोर पड़ जाती है जिसके बाद वह धीरे-धीरे इंसुलिन का उत्पादन करना छोड़ देती है |

डायबिटीज 2 की अवस्था में शरीर के अंदर इंसुलिन की मात्रा तो होती है लेकिन वह पर्याप्त मात्रा में नहीं होती है|

टाइप 2 डायबिटीज (Type- 2 diabetes) कारण (Type-2 diabetes causes)

टाइप 2 डायबिटीज के कारण कि अगर बात करें तो इसका मुख्य कारण खराब जीवन से भी खराब खानपान और अत्यधिक मोटे लोगों के अंदर यह समस्या देखी जाती है |

इसके अंदर अग्नाशय की बीटा कोशिकाएं जो इंसुलिन का निर्माण करती है वह कमजोर पड़ जाती है और वह इंसुलिन का निर्माण करना छोड़ देती है|

गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes):

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को टाइप 2डायबिटीज होने का अधिक खतरा रहता है हालांकि यह डायबिटीज का खतरा शिशु के जन्म के पश्चात खत्म हो जाता है |
गर्भावस्था के दौरान असामान्य वजन बढ़ना, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कारण है।

डायबिटीज के कारण क्या हैं ? (What are the causes of diabetes?)

  • इंसुलिन की कमी
  • एक्सरसाइज ना करने की आदत
  • हार्मोन्स का असंतुलन
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • खान-पान की ग़लत आदतें
  • परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना
  • बढ़ती उम्र
  • हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल

डायबिटीज़ के लक्षण क्या हैं ? (What are the symptoms of diabetes?)

  • बहुत अधिक प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • भूख बहुत अधिक लगना
  • अचानक से शरीर का वजह कम हो जाना या बढ़ जाना
  • थकान
  • चिड़चिड़ापन
  • आंखों के आगे धुंधलापन
  • घाव भरने में बहुत अधिक समय लगना
  • स्किन इंफेक्शन
  • ओरल इंफेक्शन्स
  • वजाइनल इंफेक्शन्स
  • बाल झड़ना
    उल्टी का मन होना
    सिर दर्द होना ,चक्कर आना
    लो ब्लड प्रेशर ,पसीना आना
    उलझन महसूस होना
    त्वचा का सूखापन ,खुजली

डायबिटीज क्या है, और इसके लक्षण, कारण, इलाज क्या है , Diabetes in Hindi

डायबिटीज के निदान | Diagnosis of Diabetes in Hindi

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट (Fasting blood sugar test):

  • 99 मिलीग्राम/डीएल (mg/dL) से कम या उसके बराबर-Normal
  • 100 से 125 mg/dL- प्रीडायबिटीज
  • 126 mg/dL से ऊपर- diabetes)

रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट (Random Blood Sugar Test):

  • blood sugar levels:- 200 mg/dL –diabetes

ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test):

  • 140 मिलीग्राम/डीएल (mg/dL) से कम या उसके बराबर – Normal
  • 140 से 199 mg/dL- प्रीडायबिटीज
  • 200 mg/dL से ऊपर- मधुमेह

हीमोग्लोबिन A1c (HbA1c) टेस्ट: (Hemoglobin A1c (HbA1c) Test)

  •  HbA1C मान 5.7% से कम है- सामान्य
  • HbA1C का मान 5.7 और 6.4% – प्रीडायबिटिक
  • HbA1C का मान 6.5% से अधिक – मधुमेह

डायबिटीज का इलाज | Treatment of Diabetes in Hindi

 

टाइप 1 मधुमेह उपचार: (type 1 diabetes treatment)

  • टाइप 1 डायबिटीज अगर बात करें तो इस प्रकार के डायबिटीज यह मरीजों को इंसुलिन के इंजेक्शन गोलिया समय-समय पर लेनी होती है ताकि शरीर के अंदर इंसुलिन की मात्रा को बनाए रखा जा सके|
  • साथ ही उन्हें लगातार शरीर के अंदर हो रही हलचल को भी देखते रहना पड़ता है तथा समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवानी होती है|
  • साथ ही अपने खान-पान और लाइफस्टाइल में भी काफी बदलाव करने होते हैं|

टाइप 2 मधुमेह उपचार: (Type 2 Diabetes Treatment)

टाइप 2 डायबिटीज अधिकतर घातक नहीं होती है टाइप 2 डायबिटीज को आप बिना किसी दवाइयों के भी कंट्रोल में कर सकते हैं इसमें आप अपने शरीर की लाइफ स्टाइल, एक्सरसाइज, खान-पान पर ध्यान रखकर आसानी से काबू में कर सकते हैं |

साथ ही समय-समय पर अपने शरीर की जांच करवा कर और दवाइयों का प्रयोग कर टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं|

डायबिटीज से बचाव के उपाय क्या हैं? (What are the measures to prevent diabetes?)

  • पानी ज़्यादा पीएं।
  • मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें।
  • आइसक्रीम, कैंडीज़ खाने से भी परहेज करें।
  • वजन घटाएं और नियंत्रण में रखें।
  • स्मोकिंग और अल्कोहल लेने से परहेज करें।
  • मीठा कम खाएं।
  • हाई फाइबर डायट खाएं|
  • प्रोटीन का सेवन भी अधिक मात्रा में करें।
  • विटामिन डी की कमी ना होने दें।
  • क्योंकि, विटामिन डी की कमी से डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है।
  • शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से बचें।
  • एक्टिव रहें
  • एक्सरसाइज करें
  • सुबह-शाम टहलने जाएं।

faq

 1)डायबिटीज के क्या लक्षण है? 

बहुत अधिक प्यास लगना,बार-बार पेशाब आना,भूख बहुत अधिक लगना,अचानक से शरीर का वजह कम हो जाना या बढ़ जाना,थकान,चिड़चिड़ापन,आंखों के आगे धुंधलापन,घाव भरने में बहुत अधिक समय लगना,स्किन इंफेक्शन,ओरल इंफेक्शन्स,वजाइनल इंफेक्शन्स

2)डायबिटीज किस कारण होता है?

इंसुलिन की कमी,परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना,बढ़ती उम्र,हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल,एक्सरसाइज ना करने की आदत,हार्मोन्स का असंतुलन,हाई ब्लड प्रेशर,खान-पान की ग़लत आदतें

 3)डायबिटीज कितने प्रकार की होती है?

  • टाइप 1 डायबिटीज (Type- 1 diabetes)
    टाइप 2 डायबिटीज (Type- 1 diabetes)
    गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes)
    MODY (मैच्योरिटी -ऑनसेट डायबिटीज ऑफ़ दा यंग)

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